गिटार के बेसिक कांसेप्ट

गिटार के बेसिक कांसेप्ट 
जिसे सीख कर आप बड़े आसानी से गिटार प्ले कर सकते हैं, 
तो चलिए अब हम गिटार कहते किसको हैं यह जान लें, तो सबसे पहले

गिटार के पार्ट्स





  1. हेड स्टॉक 
  2. ट्यूनिंग मशीन्स 
  3. नट 
  4. नेक 
  5. फ्रेट 
  6. फ्रेट बोर्ड 
  7. स्ट्रिंग (तार)
  8. साउंड होल 
  9. बॉडी 
  10. ब्रिज 
  11. ब्रिज पिंस 
  12. सैडल 
  13. पिक गार्ड 

1. हेड स्टॉक  :-

जैसे इस नाम से ही पता चल रहा है कि यह गिटार का सर है जैसा कि हम सब जानते हैं कि सर सबसे ऊपर की ओर  होता है| तो यह भी गिटार के सबसे ऊपरी हिंस्से में  होता है|

2. ट्यूनिंग गेयर :-

ट्यूनिंग गेयर से ही  हम गिटार सरे तारों को ट्यून करते हैं सूर निर्धारित करते हैं| स्टेंडर्ड ट्यूनिंग, या मेनुवल ट्यूनिंग, इन सभी के बारे में हम आगे पढ़ेंगे की ट्यूनिंग गेयर से हम सभी तारों को कैसे ट्यून करते हैं| 

3.  नट :-

नट का काम होता है  सारे तारों को एक निश्चित ऊंचाई पर रखते  हुवे ब्रिज पिन के पास लेजाना है| जिस्से तारों की ऊंचाई नेक से उचित दुरी  पर रहे, और गिटार बजाते समय हमे कोई परेशानी न हो|  ये हेड स्टॉक के निचे होता है

4. नेक :-

जैसा की नाम से हीं पता चल रहा है की ये गिटार का गला होता है, इसके सहारे हम अपने हाँथ से गिटार के तारों को पकड़ने में सहायता प्रदान होती है|  

5. फ्रेट :-

गिटार में बहुत सारे फ्रेट बने होते हैं, जितनी बड़ी गिटार की नेक उतना ज्यादा फ्रेट, इन फ़्रेटों की सहायता से हम गिटार पे कोई भी स्वर को निकल सकते हैं|      

6. फ्रेट बोर्ड :- 

फ्रेट के समूहों को फ्रेट बोर्ड कहते हैं | 

7. स्ट्रिंग :- 

गिटार में 6 स्ट्रिंग होते है, और हरेक स्ट्रिंग अलग-अलग स्वर पे ट्यून होता है, वो स्वर हैं :- E B G D A E स्टेन्डर्ड ट्यूनिंग  

8. साउंड हॉल :- 

जब हम गिटार के तारों को छेड़ते हैं तब तार से निकली ध्वनि साउंड हॉल में जाक ध्वनि की गूंज को बढ़ा देती है, जिसके कारन साउंड बढ़ा जाता है और हमरा कान उस ध्वनि को अच्छी  तरह सुन पाता है|   

9. बॉडी :-

हरेक वाध्य की बॉडी होनी अनिवार्य होती है, जिस्से उस वाध्य की पहचान और खूबशूरती निर्धारित होती है| 

10. बृज :-

बृज का काम भी नट के हीं जैसा होता है ब्रिज सारे तारों को एक निश्चित ऊंचाई पर रखते  हुवे नट  के पास लेजाना है| जिस्से तारों की ऊंचाई नेक से उचित दुरी  पर रहे, और गिटार बजाते समय हमे कोई परेशानी न हो|  

11. ब्रिज पिन :-

ब्रिज पिन की सहायता से हगोइटर के सरे तारों को सैडल के ऊपर दबा के रखता है, जिस्से तार ब्रिज और नट  के ऊपर से होकर ट्यूनिंग गेयर तक जा सके | 

12. सैडल :-

सैडल गिटार के बॉडी के लगभग बिच में लगा होता है, जो ब्रिज और ब्रिज पिंस को तारों के खिंचाव से अपने ऊपर अच्छी तरह से टिका कर रख सके | 

13. पिक गार्ड :-

जब भी हम पिक से गिटार को बजाते हैं तो गिटार के बॉडी में स्क्रेच लगजाता है, मगर इसी स्क्रेच से बचाने के लिए साउंड हॉल के निचे पिक गार्ड चिपका होता है | 


गिटारों के प्रकार 


ऐसे तो बहुत तरह के गिटार होते हैं मगर जो पॉपुलर है वो तीन गिटार हैं

एकॉस्टिक 
सेमि एकॉस्टिक 
इलेक्ट्रॉनिक गिटार 

तीनों गिटार के बारे में थोड़ा थोड़ा जान लेते हैं

एकॉस्टिक 
यह गिटार बस उन्हीं वस्तु को मिलकर बना होता है जो गिटार के लिए जरूरी हो, उपर 13 गिटार पार्ट्स के बारे में बताया गया है |

सेमी एकॉस्टिक 
यह गिटार होता तो एकॉस्टिक हीं है मगर साउंड आउटपुट जैक और वॉल्यूम नोभ लगा देने के कारण यह गिटार सेमी एकॉस्टिक बन जाता है |

इलेक्ट्रिक गिटार
यह गिटार एकॉस्टिक और सेमी एकॉस्टिक से भिन्न होता है इस गिटार की बॉडी हॉल नहीं होती है इस गिटार की बॉडी एकदम सॉलिड लकड़ी की बनी होती है जिस कारण से इस से निकलने वाली ध्वनि ( साउंड ) बहुत धीमी होती है, जिस कारण इसमें लगे साउंड आउटपुट कोड में जैक लगाने के बाद एम्प्लीफायर में साउंड जाता है, उसके बाद हीं हम इलेक्ट्रिक गिटर का साउंड (  ध्वनि ) सुन पते हैं |

तो ऊपर आपको बताया गया की गिटार के कौन-कौन से पार्ट होते हैं और कितने प्रकार के गिटार होते हैं और उन्हें हम किस तरह पहचान सकते हैं |

गिटार को ट्यून कैसे करें 

बहुत से लोगों को लगता है कि ( जिनको गिटार पकड़े कुछ ही दिन हुआ है ) मेरा गिटार कुछ अच्छा साउंड नहीं कर रहा है, मेरे सर के गिटार का साउंड तो बहुत अच्छा है, और उनका भी साउंड बहुत अच्छा सुन्ने में आ रहा होता है जो बहुत दिनों से सीख रहे हैं, या बजारहे हैं,  तो उनके गिटार और मेरी गिटार का साउंड में इतना अंतर क्यों | तो मैं आप लोगों को बता देना चाहता हूं कि उन लोगों का गिटार ट्यून है, और आपका गिटार अनट्यून है, तो अब आप यह पूछोगे कि हम गिटार ट्यून कैसे करें, तो चलिये हम अब गिटार ट्यून करना सीखते हैं | ओये उस्से पहले गिटार ट्यून किस चीज से होगा |  

तो गिटार को ट्यून करने के लिए हम गिटार ट्यूनर का प्रयोग करते हैं, जो मार्केट में बहुत हीं आसानी से मिल जाता है, जहां से आपने गिटार खरीदा है |
और आजकल के दिनों में हमारे मोबाइल के अंदर play store में ही ऐसे बहुत सारे गिटार ट्यूनर एैप हैं, जिनको हम बहुत ही आसानी से डाउनलोड करके हम अपना गिटार ट्यून कर सकते हैं |

गिटार को ट्यून करने की विधि

सबसे पहले हम जानेंगे गिटार में लगे हुए 6  तार के बारे में कि यह किस स्वर ( नोट ) में ट्यून होते हैं, उन स्वरों के नाम क्या हैं, हिंदी और इंग्लिश दोनों में |

1 E ग
2 B नि
3 G प
4 D रे
5 A ध
6 E ग
हम गिटार के सबसे पतले वाले तार को ( E ) यानि ( ग ) पे ट्यून करते हैं, जिसे हम ( 1 ) तार मानते हैं, ( 2 ) तार को ( B ) पे ट्यून करते हैं जिसे हम ( नि ) कहते हैं, ( 3) तार ( G ) पे ट्यून करते हैं जिसे हम ( प ) कहते हैं,  ( 4 ) तार ( D ) पे ट्यून करते हैं जिसे हम ( रे ) कहते हैं, ( 5 ) तार ( A ) पे ट्यून करते हैं जिसे हम ( ध ) कहते हैं, ( 6 ) तार ( E ) पे ट्यून करते हैं जिसे हम ( ग ) कहते हैं, जैसा की हम जान चुके हिन् की गिटार में छे तार होते हैं, इनमें दो तार एैसे हैं जो एक हीं स्वर में ट्यून होते हैं, वो है ( 1 ) और ( 6 ) तार, मगर इन में भी भिन्नता है, ( 1 ) तार तार सप्तक में ट्यून होता है, और ( 6 ) मन्द्र सप्तक में ट्यून होता है, जिसके कारण ( 1 ) तार से पतली ध्वनि आती है, और ( 6 ) से मोटी ध्वनि आती है |    

तो अब आगे चलते हैं गिटार सीखने की ओर

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